साइबर क्राइम में एडवांस फी स्केम कहलाने वाले पहले क्राइम का मास्टर माइंड था इमैन्युएल नवुडे।

साइबर क्राइम: विश्व का तीसरा सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड, आप जानकर हैरान हो जाएंगे, एक ऐसे एयरपोर्ट की बिक्री की कहानी, जो कभी था ही नहीं।

साइबर क्राइम शब्द का प्रचलित होना अभी बाकी था। ये वो दौर था जब इंटरनेट शुरू ही हुआ था। हां, ईमेल का उपयोग शुरू हो चूका था।

नाइजीरिया का नाम साइबर क्राइम औऱ इंटरनेट फ्रॉड की दुनिया में पहले से ही आगे रहा है। आप सभी को कभी न कभी नोकिया की या इंग्लैंड की या ऐसे ही किसी कंपनी की या देश की लॉटरी या लकी ड्रा में लाखों डॉलर या पाउंड जितने का ईमेल मिला होगा। हम में से कुछ लोगों ने इस ईमेल के जवाब में लॉटरी क्लेम करने के चक्कर में कुछ पैसे गंवाए भी होंगे। शायद अब आप ये जानते होंगे कि ऐसे ईमेल ज्यादातर नाइजीरिया से आते थे।

ऐसा ही एक बैंकिंग फ्रॉड नाइजीरिया के एक पहुंचे हुए बैंकर ने अपनी गैंग के साथ मिलकर, ब्राज़ील की नोरोस्ते बैंक के डिरेक्टर नेल्सन साकागुची के साथ किया। जो बाद में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा फ्रॉड क़रार दिया गया। आइए, जानते हैं, क्या था ये पूरा मामला।

१९९५ के अप्रैल महीने की ख़ुशनुमा सुबह थी। इंग्लैंड के लेस्टर शहर की एक फाइव स्टार होटल के एक्सिक्यूटिव सुइट्स में ब्राज़ील की नोरोस्ते बैंक के डिरेक्टर नेल्सन साकागुची काफ़ी उत्साह से नाइजीरियन सेंट्रल बैंक के गवर्नर मि पॉल ऑगवुमा का इंतज़ार कर रहे थे। वह इस बात से बहुत खुश थे, की उनकी बैंक को नाइजीरिया की राजधानी अबूजा शहर में बननेवाले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में इन्वेस्टमेंट का मौक़ा मिल रहा है। एवं अगर, ये डील हो जाती है, तो उनके खाते में पूरे दस मिलियन डॉलर का कमीशन आना तय था।

थोड़ी ही देर में उनके इंतज़ार के पल ख़त्म हुए। नाइजीरियन यूनियन बैंक के गवर्नर पॉल ऑगवुमा अपने लाव लश्कर के साथ उनके सामने बैठे थे। पॉल ऑगवुमा ने नेल्सन साकागुची को नए बनने वाले अबूजा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पूरे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट पेश की। औऱ बताया कि कैसे नाइजीरियन इकोनॉमी इस एयरपोर्ट कि वजह से आगे बढ़ने वाली थी। औऱ नेल्सन की बैंक को इस प्रोजेक्ट में फाइनांशियल फायदा होने वाला था। फाइनांशियल फायदे से भी ज़्यादा कैसे नाइजीरिया के इस प्रोजेक्ट के जरिए पूरे विश्व में नोरोस्ते बैंक का नाम होने वाला था।

आज की मीटिंग नोरोस्ते बैंक औऱ नेल्सन साकागुची के साथ ही नाइजीरियन यूनियन बैंक औऱ उसके गवर्नर पॉल ऑगवुमा के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित हुई लग रही थी। लेकिन नेल्सन साकागुची को क्या मालूम था, की उसकी किस्मत में क्या लिखा था।

बैंकिंग फ्रॉड की दुनिया में यह सौदा आने वाले समय में काफ़ी धूम मचानेवाला था।

अगले कुछ महीनों तक इस प्रोजेक्ट को लेकर नेल्सन साकागुची औऱ पॉल ऑगवुमा के बीच लगातार मीटिंगों का दौर चलता रहा। औऱ कागज़ी कार्यवाही अपना मसौदा बनाती रही। १९९५ में ही मई ख़त्म होते होते, पॉल ऑगवुमा औऱ नेल्सन साकागुची के बीच डील मुकम्मल हो गई। कॉन्ट्रैक्ट पेपर्स पर दोनों बैंकों के आला अधिकारियों के हस्ताक्षर भी हो गए। पूरी डील २४२ मिलियन डॉलर में तय हुई थी। जिसमें से १९१ मिलियन डॉलर कॅश में देना तय हुआ। औऱ बाक़ी राशि बक़ाया ब्याज के भुगतान के रूप में १९९५ से १९९८ के दौरान किया जाने वाला था।

अगले एक माह के भीतर ही नेल्सन साकागुची की नोरोस्ते बैंक की ओर से १९१ मिलियन डॉलर की नक़द राशि का भुगतान कर दिया गया। औऱ अब, नेल्सन साकागुची इस इंतज़ार में थे कि कब इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करें। इस दौरान साल १९९५ ख़त्म हो चूका था। १९९६ कि गर्मी की छुट्टियां भी पूरी हो चली थी। कि दो घटनाएं कुछ साथ साथ घटित हुई।

जून के महीने में नेल्सन साकागुची की नोरोस्ते बैंक को खरीदने के इरादे से स्पेनिश बैंक सांटेडर ने सौदेबाजी शुरू की। कुछ ही समय में ये तय कर लिया गया, की स्पेनिश बैंक नोरोस्ते बैंक को हस्तगत कर लेगी। सौदा पूरा करने के लिए, नोरोस्ते बैंक के हिसाबों की ऑडिट शुरू की गई। अगस्त १९९७ के दौरान ऑडिटर्स के ध्यान में यह बात आई, की नोरोस्ते बैंक के पूरी पूंजी में से करीब बीस प्रतिशत पूंजी केमैन आइलैंड पर ऐसे ही बिना किसी की जानकारी के यूं ही लगी पड़ी है।

साइबर क्राइम का इस तरह का फ्रॉड पहली बार दुनिया के सामने उजागर होने वाला था। जिसमें किसी एक देश की बैंक को दूसरे देश की बैंक के नामसे ठगा जाएगा।

इस बात को स्पेनिश बैंक सांटेडर ने बहुत गंभीरता से लिया। औऱ ब्राज़ील, नाइजीरिया, इंग्लैंड, अमेरिका और स्विट्जरलैंड में इस मामले की क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन शुरू की गई।

जब मामले की तह तक जाने के लिए नाइजीरियन सेंट्रल बैंक के गवर्नर पॉल ऑगवुमा की पूछताछ की गई। सारि दुनिया तब यह जान कर हैरान रह गई, की पॉल ऑगवुमा कभी नेल्सन साकागुची से मिले ही नहीं। ना ही उन्हें नाइजीरियन राजधानी अबूजा में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बारे में कुछ मालूमात थी।

अब यह पहेली सुलझाना बाकी थी, की अगर पॉल ऑगवुमा नेल्सन से नहीं मिले थे, तो वो कौन शख्स था, जो पॉल के नाम से नेल्सन को मिलता रहा था। औऱ वो सब पत्र व्यवहार, वह ईमेल कम्युनिकेशन जो नेल्सन साकागुची औऱ पॉल ऑगवुमा के बीच में हुआ था। क्या वो सब भी गलत था?

हां, ये सही था, की पॉल ऑगवुमा कभी नेल्सन से नहीं मिले थे। वो शख्स, जो पॉल ऑगवुमा बनकर नेल्सन साकागुची से मिला था, वो था इमैन्युएल नवूडे।

सायबर क्राइम यानी ४१९ ऑनलाइन फ्रॉड की पहली वारदात को अंजाम देने वाले इमैन्युएल नवुडे को ये अंदाजा भी नहीं था, उसकी टोली बैंकिंग फ्रॉड में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कहलाने वाले क्राइम को अंजाम देने में सफल हो जाएगी।
साइबर क्राइम में एडवांस फी स्केम कहलाने वाले पहले क्राइम का मास्टर माइंड था इमैन्युएल नवुडे।

साइबर क्राइम की दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा फ्रॉड करने वाला ये इमैन्युएल नवूडे कौन था?

इमैन्युएल नवूडे नाइजीरियन यूनियन बैंक का एक डिरेक्टर था। बैंक का डिरेक्टर होने के नाते कई ऐसी क्लासीफाइड इन्फॉर्मेशन औऱ दस्तावेजों तक उसकी पहुंच थी। जो आमतौर पर किसी अधिकारी को भी उपलब्ध नहीं थे। इतना ही नहीं, वह खुद कई ऐसे दस्तावेज तैयार कर सकता था जो किसी भी बैंकिंग सौदे के प्रमुख हिस्से हो सकते थे।

इन्हीं अधिकारों का उसने इस्तेमाल करने की ठानी। औऱ एक ऐसा प्रस्ताव बनाया, जो किसी अंतरराष्ट्रीय बैंक को लुभावना लगे। औऱ उसने नाइजीरिया के राजधानी के शहर अबूजा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का मनघडंत प्रोजेक्ट बनाया। औऱ कुछ अंतरराष्ट्रीय बैंकों को नाइजीरियन सेंट्रल बैंक के गवर्नर पॉल ऑगवुमा के नाम से ईमेल कर दिया।

इस ईमेल के झांसे में अपने ब्राज़ील की नोरोस्ते बैंक के डिरेक्टर नेल्सन साकागुची साहब आ गए। आगे की कहानी आप अब तक पढ़ चुके हैं। अब हुआ ये, की इमैन्युएल नवूडे जिसकी टोली में शामिल थे इमैन्युएल ओफोल्यु, नज़ीरबे ओकोली, ओबुम ओसक्वे औऱ एक दंपति क्रिस्टियन इकेचुकवू अनजेम्बे औऱ अमाक अनजेम्बे। जिनमें से क्रिस्टियन अनजेम्बे की बाद में हत्या कर दी गई थी। इस पूरी टोली ने कुछ ऐसा चक्रव्यूह रचा था, की नेल्सन साकागुची साहब १९१ मिलियन डॉलर कॅश दे भी बैठे।

लेकिन नेल्सन औऱ इमैन्युएल दोनों की किस्मत खराब थी कि स्पेनिश बैंक सांटेडर ने नोरोस्ते बैंक को खरीदने का मन बनाया। औऱ जब ऑडिट हुआ, तब कहीं जाकर नेल्सन साहब को ये अंदाजा हुआ, की किस बुरी तरह उनको औऱ उनकी बैंक को ठगा गया था। लेकिन अब क्या किया जा सकता था।

साइबर क्राइम औऱ फाइनांशियल धोखाधड़ी के मामलों का इन्वेस्टिगेशन करने के लिए नाइजीरिया के तबके प्रेसिडेंट ओलसेगुन ओबासँजो की दरख्वास्त पर Economic and Financial Crimes Commission का गठन किया गया।

Economic and Financial Crimes Commission ने बादमें इन सब बदमाशों को धर दबोचा। औऱ नेल्सन साकागुची के साक्ष्यों के आधार पर इमैन्युएल नवूडे को पांच पांच साल की पांच टर्म, यानी पच्चीस साल तक कि कैद औऱ २४ मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया। बाद कुछ साल कैद में गुजारकर बाहर आने के बाद भी इमैन्युएल नवूडे को दंगे फ़साद के मामलों में, कमीशन के जजों को रिश्वत देने के मामलों में औऱ ऐसे ही दो औऱ धोखाधड़ी औऱ हत्या के मामलों में फिर घर दबोचा गया।

पहली बार पकड़े जाने के बाद ट्रायल के दौरान औऱ जेल से छूटने के बाद फिर जेल जाने तक कि इमैन्युएल नवूडे की कहानी औऱ भी दिलचस्प है। फिर कभी इस कहानी को भी जानेंगे। फ़िलहाल इमैन्युएल नवूडे नाइजीरिया के अनम्बरा राज्य के अक्वा सेंट्रल जेल में कैद है। औऱ शासन को अभी भी डर है कि इमैन्युएल नवूडे, अपनी पैसों की ताकत और मसल पावर का इस्तेमाल करते हुए कभी भी जेल तोड़कर फरार हो सकता है।

उधर नोरोस्ते बैंक को हस्तगत करते हुए प्रकाश में आई इस धोखाधड़ी के चलते स्पेनिश बैंक सांटेडर इस डील से हटना चाहती थी। इस सौदे को बनाए रखने के लिए नोरोस्ते बैंक के मालिकों ने खुद अपने खाते से २४२ मिलियन डॉलर का भुगतान किया।

लेकिन फिर भी नोरोस्ते बैंक बच नहीं पाई। औऱ आख़िरकार २००१ में नोरोस्ते बैंक को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।

ऐसी दिलधड़क औऱ दिलचस्प दास्तान थी इस बैंकिंग फ्रॉड की। जो बाद में साइबर क्राइम यानी ४१९ क्राइम का विश्व का तीसरा सबसे बड़ा साइबर क्राइम का किस्सा बन गया।

इससे पहले हुए दो बड़े क्राइम की कहानी भी बहुत जल्द यहां प्रस्तुत करेंगे। तब तक इस आर्टिकल पर अपनी राय जरूर दें।

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A young and enthusiastic marketing and advertising professional since 22 years based in Surat, Gujarat. Having a vivid interested in religion, travel, adventure, reading and socializing. Being a part of Junior Chamber International, also interested a lot in service to humanity.
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