क्या है कांग्रेस प्लेनरी के मायने? कैसे संगठित होगी कांग्रेस?

हाल ही में सम्पन्न हुई कांग्रेस प्लेनरी में कांग्रेस ने अपने ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की खूब खोजखबर ली। एवं उन्हें बहुत अच्छे तरीके से सुना। कांग्रेस के आला कमान ने छोटे कार्यकर्ताओं औऱ सिनियर लीडरशिप के बीच की दूरियां काफ़ी हद तक कम करने का बहुत बड़ा काम किया है। आनेवाले चुनावों में कांग्रेस बहुत आक्रामक तेवर के साथ ही सुलझे हुए तरीकों से अग्रसर होती दिखाई दे रही है।

कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने कुछ बड़े वाजिब सवाल उठाए हैं। औऱ यही सवाल उनके कार्यकर्ता अगर जनसमुदाय के बीच उठाने में सफल होते हैं, तो भाजपा को जवाब देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। बड़े जिम्मेदार तरीके से राहुल गांधी ने युवाओं की बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, बैंकों के घोटाले, घपलेबाजी के आरोपियों का देश छोड़कर फरार होना, औऱ ऐसे कई मामलों पर मोदी सरकार को जमकर घेरा।

According to Rahul Gandhi Narendra Modi is not fighting corruption, he is corruption.

सोनिया गांधी औऱ मनमोहन सिंह ने मजबूत आधार देकर नोटबंदी एवं किसानों की आय को छह साल में दो गुना बढ़ाने की बात कैसे मुमकिन नहीं है यह तथ्यों के आधार पर बताया। इस मौके पर कांग्रेस के कई युवा नेताओं ने अपनी लीडरशिप योग्यता बताने की पुरजोर कोशिश की। कांग्रेस का यह 84वां प्लेनरी सेशन या अधिवेशन था। इस बार कांग्रेस कुछ ज़्यादा संगठित एवं सधी हुई नजर आ रही थी।

कुछ बातों में हालांकि राहुल गांधी अतिरेक कर गए, जैसे मोदी भ्रष्टाचार रोक नहीं रहे हैं बल्की वह भ्रष्टाचार है। Narendra Modi ‘is not fighting corruption; he is corruption. औऱ भी बहुत बातें उन्होंने कही जैसे अनगिनत मौतों के जिम्मेदार शख्स को भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। यह बात उन्होंने अमित शाह के लिए कही। यह सब बातें कहीं “मौत के सौदागर” की तरह कांग्रेस पर ही भारी न पड़ जाए यह भी कांग्रेस के रणनीतिकारों को सोचना होगा।

२०१९ में यह देखना रोचक होगा किसका पलड़ा भारी होगा औऱ कौन बाज़ी हारेगा। मतदाताओं की भी २०१९ में कड़ी परीक्षा होनेवाली है। आप इसके बारे में क्या सोचते हैं, ज़रूर लिखे अपने कमेंट्स में औऱ अगर यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो तो शेर ज़रूर कीजिए।

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