ममता बनर्जी क्यों खफ़ा है नरेंद्र मोदी से? किस वजह से वह अलग हुई थी भाजपाई नेतृत्व वाली NDA सरकार से?

ममता बनर्जी ने NDA के खिलाफ नरेंद्र मोदी को कड़ी चुनौती देने के लिए हाल ही में NDA से अलग हुए चंद्रबाबू नायडू औऱ शिवसेना को साथ लेकर दिल्ली में तिसरे मोर्चे के गठन की तैयारियां शुरू कर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि छोटी बड़ी प्रादेशिक पार्टियां अपनी अपनी सोच को किनारे रखकर ममता बनर्जी की कितनी सहायता कर सकेंगी। हालांकि भारत में तीसरा मोर्चा हमेशा से ही नाक़ाम रहा है। लेकिन २०१९ के चुनाव हर हाल में अलग औऱ अपने आप में अनूठे होंगे ऐसा जान पड़ता है।

डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर, बाबासाहेब आंबेडकर अबसे अपने पूरे नाम से जाने जाएंगे।

बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर सत्ताधारी दल औऱ विरोधी दलों के बीच जमकर कर राजनीति हो रही है। उत्तरप्रदेश सरकार ने उनके पूरे नाम डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर को अबसे सरकारी फाइलों में दर्ज करने का आदेश पारित किया है।

नरेंद्र मोदी २०१९ में तो सरकार बनाएंगे ही। २०२४ में भी वही भारत के प्रधानमंत्री होंगे।

नरेंद्र मोदी के घोर विरोधियों की चीखपुकार के बावजूद हररोज होने वाले सर्वे यह भविष्यवाणी करते दिखाई दे रहे हैं, की मोदी २०१९ तो आसानी से जीत लेंगे ही। २०२४ में भी उनकी सरकार इन सर्वेक्षणों में बनती दिखाई दे रही है।

#Datachorcongress हैशटैग का जवाब हैशटैग #ElectionchorBJP। जाने औऱ क्या क्या आएगा? २०१९ अपने आप में अनोखा इलेक्शन होगा।

#ElectionchorBJP है #Datachorcongress का जवाब। गज़ब का युद्ध छिड़ गया है २०१९ के चुनावों का ब्युग़ल बजते ही। औऱ इस युद्ध में शालीनता नजर नहीं आएगी, ये तो एक दूसरे को चोर पहले ही वार में साबित करने पर तुले हुए हैं, इसी बात से साफ़ हो गया है। वैसे क्यों #electionchorbjp हैशटैग बनाया गया? […]

#datachorcongress हैशटैग का सच क्या है? क्या सचमें कांग्रेस दोषी है?

आजकल ट्विटर पर ट्रेंडिंग हैशटैग है #datachorcongress। datachorcongress इस हैशटैग के पीछे की खबर यह है, की कैम्ब्रिज अनालिटिका कंपनी जिसने अमरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का कैंपेन चलाकर अनैतिक तौर तरीकों से ट्रंप को जिताने के आरोप लगे हैं। ब्रिटेन स्थित इस कंपनी पर अभी ब्रिटिश कानूनों के तहत इन्वेस्टिगेशन चल रहा है। ऐसे में […]

क्या है कांग्रेस प्लेनरी के मायने? कैसे संगठित होगी कांग्रेस?

हाल ही में सम्पन्न हुई कांग्रेस प्लेनरी में कांग्रेस ने अपने ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की खूब खोजखबर ली। एवं उन्हें बहुत अच्छे तरीके से सुना। कांग्रेस के आला कमान ने छोटे कार्यकर्ताओं औऱ सिनियर लीडरशिप के बीच की दूरियां काफ़ी हद तक कम करने का बहुत बड़ा काम किया है। आनेवाले चुनावों में कांग्रेस […]

पूर्वोत्तर राज्यों में क्यों लहराया केसरिया?

वामपंथियों को त्रिपुरा में तीस साल मिलते अगर इसबार भी वो जीत जाते। कांग्रेस मेघालय में घायल हो गई। इन दो राज्यों में कांग्रेस कि बहुत बुरी शिकस्त हुई है। आज़ादी के सत्तर साल किसी भी देश को विकसित होने के लिए बहुत काफ़ी वक़्त होता है। लेकिन इन सत्तर सालों में कांग्रेस ने देश […]

Begin typing your search term above and press enter to search. Press ESC to cancel.

Back To Top