ममता बनर्जी ने NDA के खिलाफ नरेंद्र मोदी को कड़ी चुनौती देने के लिए हाल ही में NDA से अलग हुए चंद्रबाबू नायडू औऱ शिवसेना को साथ लेकर दिल्ली में तिसरे मोर्चे के गठन की तैयारियां शुरू कर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि छोटी बड़ी प्रादेशिक पार्टियां अपनी अपनी सोच को किनारे रखकर ममता बनर्जी की कितनी सहायता कर सकेंगी। हालांकि भारत में तीसरा मोर्चा हमेशा से ही नाक़ाम रहा है। लेकिन २०१९ के चुनाव हर हाल में अलग औऱ अपने आप में अनूठे होंगे ऐसा जान पड़ता है।
नरेंद्र मोदी २०१९ में तो सरकार बनाएंगे ही। २०२४ में भी वही भारत के प्रधानमंत्री होंगे।
नरेंद्र मोदी के घोर विरोधियों की चीखपुकार के बावजूद हररोज होने वाले सर्वे यह भविष्यवाणी करते दिखाई दे रहे हैं, की मोदी २०१९ तो आसानी से जीत लेंगे ही। २०२४ में भी उनकी सरकार इन सर्वेक्षणों में बनती दिखाई दे रही है।