रिश्ते ना हो तो इंसान कुछ भी नहीं अकेला इंसान कुछ नहीं कर सकता

रिश्ते अब डिजिटल हो गए हैं

अजनबियों से रिश्ते जोड़ लेते हैं
घरों में अपनों से बात करने की फुर्सत नहीं
फ़ेसबुक पर बधाइयां देते फिरते हैं,
मां बाबूजी का जन्मदिन याद ही नहीं रहता
अच्छी सी फोटो बीवी के साथ पोस्ट कर दी
ज़माने को लगता है क्या ख़ुशगवार ज़िंदगी जी
लोग बहुत लाइक किया करते हैं
कौन ख़ुश है इसकी किसे परवाह है
लाइक्स का लेनदेन तो आजकल रिवाज़ है
सच पूछो तो ऑनलाइन रिश्तों की भीड़ है
मगर हरकोई इस भीड़ में भी तन्हा है
मियां दुनियादारी में मसरूफ है
बीवी घरसंसार में उलझी है
बच्चे बस्ते का बोझ ढोते हुए नंबर की फ़िक्र में है
मां बाप अपनी दुनिया में दिन गिन रहे है
रिश्ते अब डिजिटल हो गए हैं
लोग अपनों से बहुत दूर हो गए हैं
देर अब भी नहीं हुई है
मोबाइल के साथ हम भी स्मार्ट बन सकते हैं
फेसबुक से निकलकर दिलों में दस्तक दे सकते हैं
कभी कभी घरों में भी हालचाल पूछ सकते है

A young and enthusiastic marketing and advertising professional since 22 years based in Surat, Gujarat. Having a vivid interested in religion, travel, adventure, reading and socializing. Being a part of Junior Chamber International, also interested a lot in service to humanity.
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