अब नहीं सहेंगे, लगा है ऐसा घाव, जब तक ना लेंगें हिसाब, कुरेदते रहेंगें।


“अब खैर नहीं तुम्हारी शैतानों,
जाग उठा है हिंदुस्तान हमारा।”

छलनी है सीना हमारा,
घायल है देश हमारा।

छीनकर हमारे जवानों को,
तुमने कुचला है दिल हमारा।

जहां हुआ है हमला तुम्हारा,वहीं से उठेगा जनाज़ा तुम्हारा।

हिसाब बराबर करेगा तुम्हारा,
ख़ूनका एक एक कतरा हमारा।

जहां मारा है तुमने एक हमारा,
सतरा मारेगा एक हमारा।

औऱ, ये जो जन्नत औऱ हूर
के मारते हो ना तुम!

ऐसे गाड़ेंगे तुम्हें,
जहन्नुम तक नसीब न होने देंगे।

खतरा तो तभी से मंडरा रहा है तुम पर,
जब शहीद हुआ हमारा पहला जवान।

अब तो ख़ैर तुम्हारी भी नहीं
जाग उठा है सारा देश हमारा,

जाग उठा है हिंदुस्तान हमारा

#Soldier Poem, #Pulwama Attack, #Kashmir Attack