हाल ही में सम्पन्न हुई कांग्रेस प्लेनरी में कांग्रेस ने अपने ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की खूब खोजखबर ली। एवं उन्हें बहुत अच्छे तरीके से सुना। कांग्रेस के आला कमान ने छोटे कार्यकर्ताओं औऱ सिनियर लीडरशिप के बीच की दूरियां काफ़ी हद तक कम करने का बहुत बड़ा काम किया है। आनेवाले चुनावों में कांग्रेस […]
क्यों मनाया जाता है गुढ़ी पड़वा?
हर साल चैत्र मास के पहले दिन यानी शुक्ल पक्ष प्रतिपदाको गुढ़ी पड़वा का पर्व मनाया जाता है। शक संवत को भारत का आधिकारिक कैलेंडर माना जाता है। चैत्र मास से नया शक संवत शुरू होता है। समूचे उत्तर भारत एवं कई दक्षिणी राज्यों में नए साल का प्रारंभ इसी दिन से होता है। ब्रम्ह […]
क्या है उत्तरप्रदेश के उपचुनावों में भाजपा की हार का राज़?
एक तरफ तो भाजपा जिन राज्यों में चुनाव लड़ी है उन सभी राज्यों में बहुत भारी मतों से जीत हासिल की है। लेकिन जहां भी उपचुनाव हुए हैं, ज्यादातर उपचुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। ऐसा क्योंकर होता है कि मुख्य चुनाव जीतने वाली भाजपा उन्हीं राज्यों में होनेवाले उपचुनाव […]
क्यों बदल गया TV देखने का अन्दाज़!
It’s a time to divert from regular TV watching to watch the best web series from Netflix, Amazon Prime, TVF, Alt Balaji, Zee5 and many such Apps.
मेघालय चुनाव नतीजों से 7 बिझनेस लेसन्स।
मेघालय में ५९ बैठकों पर चुनाव हुए जिसमें २१ बैठकों पर कांग्रेस ने विजय हासिल की, जबकि २ बैठक भाजपा ने काबिज़ की। औऱ बाक़ी बैठक अन्य दलों के खाते में गई जिसमें मुखतः एन पी पी के १९ सदस्य जीते। इस पार्टी का गठन कांग्रेस से निकले दिवंगत पी ए संगमा ने कीया था। […]
पूर्वोत्तर राज्यों में क्यों लहराया केसरिया?
वामपंथियों को त्रिपुरा में तीस साल मिलते अगर इसबार भी वो जीत जाते। कांग्रेस मेघालय में घायल हो गई। इन दो राज्यों में कांग्रेस कि बहुत बुरी शिकस्त हुई है। आज़ादी के सत्तर साल किसी भी देश को विकसित होने के लिए बहुत काफ़ी वक़्त होता है। लेकिन इन सत्तर सालों में कांग्रेस ने देश […]
रिश्ते अब डिजिटल हो गए हैं
अजनबियों से रिश्ते जोड़ लेते हैं घरों में अपनों से बात करने की फुर्सत नहीं फ़ेसबुक पर बधाइयां देते फिरते हैं, मां बाबूजी का जन्मदिन याद ही नहीं रहता अच्छी सी फोटो बीवी के साथ पोस्ट कर दी ज़माने को लगता है क्या ख़ुशगवार ज़िंदगी जी लोग बहुत लाइक किया करते हैं कौन ख़ुश है […]
जूली से मॉम तक
बचपन से पचपन तक जलवा बिखेरती रही औऱ आख़री मंज़िल तक चर्चित रही सदाबहार अदाकारा श्रीदेवी। उनकी पहली हिंदी फिल्म जुली में डरी सहमी सी दिखने वाली श्रीदेवी, अपनी आखिरी फ़िल्म मॉम में अपनी बेटी के गुनाहगारों को शेरनी की तरह झपटके मारने में ज़रा भी नहीं हिचकिचाई। जूली से मॉम तक के उनके सफ़रमें […]
जी लो दोस्तों, होली में जिंदगी ज़रा।
धरती का हरा, सूरज का सुनहरा मन का गहरा, जोबन का छरहरा दोस्तीका मदभरा, मस्तीका दमभरा फागुनका कसभरा, जीवनका रसभरा त्यौहार मना रहा होली का रंगभरा हो गया है मौसम उमंगभरा मनमें है उल्लास भरा तनोंमें है जोश भरा आसमां तक हवाओंमें ग़ुलाल भरा फ़िज़ाओं में होली का हुड़दंग भरा जी लो दोस्तों, होली में […]
मत खेलो होली, तुम बचाओ पानी
ख़ूब चला है दौर, आओ बचाएं पानी, करेंगे हम खराब, कहेंगे, तुम बचाओ पानी, ख़ूब चलाएंगे हम बूचड़खाने, ख़ूब बहाएंगे पानी, ख़ूब खाएंगे हम कबाब, ख़ूब चबाएंगे हड्डी, फिर कहेंगे तुमको, मत खेलो होली, तुम बचाओ पानी, बनाएंगे हम कोल्ड्रिंक, ख़ूब छीनेंगे पानी, उकसाएंगे तुम्हें, ख़ूब पियो कोल्ड्रिंक तुम, मत पीयो पानी, फ़िर कहेंगे तुम्हें […]